Answer:
‘मेरा पसंदीदा कवि – तुलसीदास’
तुलसीदास हिंदी साहित्य के अमर कवि होने के साथ-साथ मेरे प्रिय कवि भी हैं। भक्तिकालीन कवियों में कबीर, सूर, तुलसी, मीारा और आधुनिक कवियों में मैथलीशरण गुप्त, महादेवी वर्मा जैसे कुछ कवियों का रसास्वादन किया है। इन सबको अध्ययन करते समय जिस कवि की भक्ति भावना ने मुझे अभिभूत कर दिया उसका नाम है-महाकवि तुलसीदास।
तुलसीदास मुझे सर्वश्रेष्ठ कवि लगते हैं क्योंकि भगवान श्रीराम के शील, सौंदर्य व भक्ति का जो समन्वित तथा सगुण रूप तुलसीदास ने प्रस्तुत किया है वह अद्वितीय है ।
तुलसी के काव्य में अद्भुत लालित्य व माधुर्य देखने को मिलता है । इसके अतिरिक्त कर्म और ज्ञान की जो धारा इनके वाक्य में दृष्टिगोचर होती है वह अलौकिक तथा समस्त प्राणियों का दु:ख-संताप हरने वाली है।
महाकवि तुलसीदास ने भाषा-शैली का समन्वय करके भाषायी झगड़े, समान्त करने का भी सार्थक प्रयास किया। रामचरित मानस आदि की रचना यदि साहित्यिक अवधी में की तो ‘जानकीमंगल’, पार्वतीमंगल और रामलला नहछू आदि लोक प्रचलित अवधी भाषा को अपनाया।
तुलसीदास मूलत: भक्तियुग की सगुण धारा के कवि थे परंतु उनके काव्य में निर्गुण-सगुण दोनों का ही समन्वय देखने को मिलता है।
निष्कर्ष:
सचमुच तुलसीदास अपनी भक्ति के अतिरिक्त अपने ज्ञान, अपनी दक्षता के मामले में भी अद्वितीय कहे जा सकते हैं । आज तक हिंदी साहित्य जगत् में उनकी जोड़ का दूसरा कवि नहीं हुआ जो पूरे हिंदुस्तान में इतना प्रभाव अपने साहित्य के माध्यम से छोड़ पाया हो।