Answer:
गाँव एक ऐसी जगह जहा हमें बड़े बुजुर्गो की याद दिलाती हैं। गाँवों में हरे भरे मैदान और सुन्दर खेत इतियादी हमें गाँव की सुन्दरता बताते हैं। मेरे गाँव में काफी लोग रहते हैं। मेरा गाँव शहर से करीब 40 किलोमीटर दूर हैं। जिले से 40 किलोमीटर दूर होने के साथ यह उपखंड से भी करीब 4 किलोमीटर हैं।
मेरे गाँव में हमें कई प्रकार की सुविधाए मिलती हैं जैसे पीठे पानी के लिए सुविधा जिसे राजस्थानी भाषा में पिचका कहते हैं। यह हमारे गाँव के बीचो बीच आया हुआ हैं। हमारे गाँव में करीब 25 हज़ार लोग रहते हैं जो एकता की मिशाल हैं। हमारे गाँव में बना एक स्कूल भी हैं, जहां गाँव के बच्चे और बच्चिया पढने जाती हैं।
मेरे गाँव में एक नाहर भी हैं, जहां गर्मियों के मौसम में अक्सर लोग सुबह स्नान करने जाते हैं और गाँव के बच्चे उस नहर में अपना काफी समय बिताते हैं। गाँव के बीचो बीच एक सुन्दर चबूतरा भी बना हुआ हैं। गाँव में लोग सुबह खेतो में जाते हैं और खेती करते हैं। खेती करना लोगो की पुरानी परंपरा हैं।
गाँव में लोग सुबह सुबह घूमना और बच्चे खेलना भी काफी पसंद करते हैं। सुबह खेलना गाँव को बच्चो की पहली पसंद होती हैं। मेरे गाँव के बाहर एक छोटा सा बस स्टैंड भी हैं जहां से दिन में कई बस और गाडिया आती जाती रहती हैं। गाँव में बने इस बस स्टैंड पर लोग आने जाने के लिए गाडी के लिए इन्तजार करते हैं।
मेरा गाँव पर निबंध (800 शब्द)
प्रस्तावना
गाँव एक ऐसी जगह जिस का नाम सुनते ही हमे ऐसे क्षेत्र की याद दिलाता हैं जहां पर चारों तरफ खुशहाली हो और गाँव के चारो को बागन हो। मेरे गाँव में भी ऐसा ही हैं। मेरे गाँव कुल आबादी तक़रीबन 25 हजार हैं। मेरे गाँव मे रहने वाले लोग गाँव में एकता की मिशाल देते हैं। मेरे गाँव की खुशहाली के चर्चे दूर दूर तक होते हैं। मेरे गाँव में काफी कुछ जाने के लिए हैं जो शान्ति के प्रतिक हैं।
गाँव में बना एक स्कूल
मेरे गाँव का नाम हेलियावास खुर्द हैं जो पाली के मारवाड़ जंक्शन से करीब 5 किलोमीटर दूर है। मेरे गाँव में बने इस स्कूल में करीब 500 विद्यार्थी पढ़ते हैं। मेरे गाँव में बने इस विद्यालय में लड़के और लडकियाँ दोनो ही पढ़ते हैं। मेरे विद्यालय में कक्षा 1 से कक्षा 8 तक की पढाई होती है। इस स्कूल में हिंदी माध्यम में पढाई होती हैं। यह विद्यालय मेरे गावं में बाहर करीब 400 मीटर की दुरी पर आया हुआ हैं।
मेरे गाँव में बना तालाब
मेरे गाँव के बीचों बीच में एक तालाब बना हुआ हैं। इस तालाब में बारिश के समय केवल पानी ही दिखाई देता हैं। इस तालाब में गाँव में लोग अपने पशुओ को पानी पिलाते हैं। गाँव में बने इस तालाब बाहर एक पानी का अवाला भी बना हुआ हैं। इस अवाले पर लोग सुबह शाम कपड़ो की धुलाई भी करते हैं। इस तालाब के आसपास एक खुला मैंदान भी हैं। इस मैंदान पर बच्चे कई तरह के खेल खेलते हैं।
मेरे गाँव में बना एक बगीचा
मेरे गाँव के बाहर एक बगीचा भी बना हुआ हैं। गाँव के बाहर बने इस बगीचे में लोग सुबह के समय घुमने फिरने आते है। गाँव में बना यह बगीचा काफी बड़ा हैं और यह हमारे गाँव के क्षेत्रफल का लगभग एक चौथाई हैं। हमारे गाँव में बने इस बगीचे में कई तरह के पेड़ पोधे भी देखने को मिल जाते हैं।
यहाँ पर कई तरह के फल और फुल भी दिखाई देते हैं। गाँव में बने इस बगीचे में कई प्रकार की सुविधाए हैं जैसे बैठने के लिए सीमेंट की बनी कुर्सीया भी हैं। बगीचे में पानी की भी उत्तम सुविधा हैं। बगीचे में उपलब्ध पानी की सुविधा के जरिये पेड़ पोधो को पिलाने के लिए काम में लिया जाता हैं। इस बगीचे में पानी पीने के लिए ही उपलब्ध हैं।
गाँव में बना खेल का मैदान
मेरे गाँव में तालाब के पास एक खेल का मैदान भी बना हुआ है। इस मैदान में लोग सुबह खेलने आते हैं। लड़के क्रिकेट तो लडकिय कबड्डी और खो-खो खेलने में व्यस्त रहती हैं। मेरे गाँव में बने इस खेल के मैदान में कई तरह के खेल खेलने के लिए मैदान बने हुए हैं। इस मैदान में क्रिकेट और फुटबॉल के लिए भी काफी बड़ा मैदान हैं।
इस मैदान में कबड्डी खेलने के लिए भी एक अलग से मैदान बना हुआ हैं। मैदान में पानी पीने की और बैठने की भी उत्तम सुविधा हैं। मेरे गाँव में बने इस मैदान में चारों और पक्की दिवार बनी हुई हैं, जिससे मैदान की सुरक्षा बनी रहती हैं।
मेरे गाँव का महत्त्व
मेरे गाँव का महत्त्व भी काफी ज्यादा हैं। मेरे गाँव में सुबह सही बुजुर्ग गाँव में बने एक चबूतरे पर बैठते हैं। जीवन के अनुभव से वे हमे वो बाते सीखते हैं जो हमे किसी स्कूल और कॉलेज में सीखने को नहीं मिलती हैं। गाँव में बने तालाब में जानवर अपनी प्यास बुझाते है और इसी पानी से आसपास के खेतो में सिचाई की जाती है। गाँव में बने स्कूल में बच्चों को जीवन का पहला सबक अनुशासन सीखाया जाता हैं।
गाँव में हम ग्रामीण जीवन के माहोल में जीते हैं जो हमारे लिए काफी अच्छा होता हैं। गाँव का महत्त्व हमारे जीवन में काफी ज्यादा हैं। हमारे ग्रामीण क्षेत्रो में रहकर हम जमीन से जुड़े रहते है। गाँव में काफी कुछ सीखने को मिलता हैं।
मेरे गाँव का ग्रामीण परिवेश
मेरे गाँव के परिवेश के बारे में भी काफी अच्छी देखने को मिलता हैं। मेरे गाँव के लोग धोती और कुर्ता पहनना पसंद करते हैं। गाँव की ओरते भी देशी परिवेश में रहना पसंद करती हैं। मेरे गाँव के आसपास के लोग साथ में खाना खाना पसंद करते हैं। संयुक्त परिवार मेरे गाँव की खासियत हैं।