Answer:
देश के संर्वगीय विकास के लिए पत्येक व्यक्ति को शिक्षित होना आवश्यक है जहां के व्यक्ति शिक्षित होगे वहां पर सुख, समृद्धि, सम्पन्नता होगी। जहां के व्यक्ति अशिक्षित होगे वहां पर दुख, दरिदता, निर्धनता, बीमारी, कुपोषण, कुपथा आदि से पूर्ण अमानवीय जीवन होगा। अतः पत्येक बच्चे, परिवार, समाज व देश की सुख-सम्पन्नता, समृद्धि के लिए शिक्षित होना आवश्यक है पत्येक बच्चे को पढाया जाय यह पत्येक अभिभावक नैतिक कर्तव्य है. शिक्षा के अभाव में मनुष्य पशु के समान है और उसमें ईर्ष्या ,वैर,कलह आदि के भाव पैदा हो जाते हैं। बच्चों का जीवन कच्चे घड़े के समान होता है। हम उन्हें जैसी शिक्षा और संस्कार देंगे वे वैसे ही बन जाएंगे। इसलिए यदि माता-पिता अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देंगे तो ही वह अच्छे और योग्य नागरिक बनकर देश के विकास में सहायक सिद्ध होंगे.सभी बच्चों को शिक्षित करने के लिए भारत सरकार ने सर्व शिक्षा अभियान भी चलाया है .ताकि देश का हर बच्चा शिक्षा जैसे मौलिक अधिकार से वंचित न हो.शिक्षा एक ऐसा धन है जिसे कोई चुरा नहीं सकता .शिक्षित व्यक्ति कभी भूखा नहीं मरता.वह कठिन से कठिन परिस्थिति में भी अपना जीवनयापन कुशलता से कर सकता है.अनपढ़ता किसी भी देश के लिए सबसे बड़ा कंलक और अभिशाप होता है क्योंकि अनपढ़ व्यक्ति का नैतिक ,मानसिक व शैक्षणिक विकास नहीं हो पाता जिसके अभाव में वह अन्धविश्वास और रूढ़िवादिता जैसी कुरीतियों में फसता चला जाता है और लोग उसे मूर्ख समझकर ठगते हैं व उसका शोषण करते हैं.शिक्षा हमारे लिए इसलिए जरूरी है क्योंकि इसके द्वारा मनुष्य में आत्मविश्वास,आगे बढ़ने की उमंग ,कुछ करने का जज्बा और अपनी मंजिल को पाने की इच्छा होती है. शिक्षा प्रत्येक व्यक्ति का जन्मसिद्ध अधिकार है.अपने देश से निरक्षरता यानिकी अनपढ़ता को हटाने के लिए हमें प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षित करना होगा.इसके लिए यदि स्वयंसेवी संस्थाएं और युवा वर्ग इस साक्षरता अभियान की बागडोर को अपने हाथों में ले लें और प्रण कर लें कि प्रत्येक व्यक्ति कम से कम एक व्यक्ति को शिक्षित करेगा तो हम अपने देश को पूर्ण साक्षर बना सकेंगे.इसलिए हमें प्रौढ़ -शिक्षा मतलब बुजुर्गों को भी पढ़ाना होगा.इसके साथ-ही-साथ जिन गाँवों और कस्बों में जहाँ स्त्रियों व गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित रखा जाता है.उन्हें भी शिक्षा देने के लिए हमें प्रयास करने होंगे.इस तरह जब देश का प्रत्येक नागरिक शिक्षित होगा तो हम विश्वास के साथ कह सकते हैं कि आने वाले समय में हमारे देश में बच्चे शिवाजी,महाराणा प्रताप,जवाहरलाल नहेरू व महात्मा गाँधी के पदचिह्न पर चलकर अपने देश की उन्नति व विकास में सहायक सिद्ध होंगे.इसलिए आओं हम सब मिलकर एक नारा बुलन्द करें – सब पढ़ें,आगे बढ़ें।