➲ सिल्वर वेडिंग से तात्पर्य शादी की 25वीं सालगिरह से होता है।
‘सिल्वर वेडिंग’ पाठ मनोहर श्याम जोशी द्वारा रचित एक कहानी है, जिसमें यशोधर बाबू के जीवन का वर्णन किया गया है। वह परंपरागत मूल्यों पर चलने वाले व्यक्ति हैं, जबकि उनकी संतान नई पीढ़ी की है और वह मूल्य से अलग हटकर नए विचारों को अपनाना चाहती है।
इस कहानी के माध्यम से नई पीढ़ी और पुरानी पीढ़ी के बीच विचारों के टकराव को दर्शाया गया है। उनके बच्चे यशोधर बाबू के विवाह की 25वीं सालगिरह का आयोजन करते हैं, लेकिन यशोधर बाबू को यह सब दिखावा पसंद नहीं है। वे सादगी से जीने वाले व्यक्ति हैं। इस कहानी में विचारों के टकराव का वर्णन किया गया है।
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