Q. No 1 (Profit and Loss Appropriation A/c) A. B तथा C साझेदार हैं जो लाभ-हानि को 3:2:1 के अनुपात में विभाजित करते हैं। उनको ₹80,000 ₹60,000 तथा ₹40,000 है। साझेदारी समझौते के अनुसार साझेदारों को निम्न राशिय के (i) पूँजो पर 12% वार्षिक दर से व्याजा (ii) प्रत्येक साझेदार को ₹300 प्रतिमाह वेतना (iii) आहरणों पर समय को ध्यान में रखे बिना 12% की दर से व्याज देना होगा। (iv) साझेदारों के आहरण क्रमशः A ₹8,000, B₹6,000 तथा C₹5,000 है। वे लगाने के तथा आहरणों पर व्याज लगाने से पहले फर्म को ₹44,000 का लाभ होता है। साझेदारों में लाभों का बँटवारा कीजिए।
लाभ एक व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इसलिए इसका आवंटन। इसीलिए लाभ और हानि विनियोग खाता एक संगठन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। लाभ और हानि विनियोग खाता व्यवसायों, विशेष रूप से साझेदारी के लिए आवश्यक है क्योंकि वे विभिन्न भागीदारों के बीच व्यय और आय का शुद्ध आवंटन करने में मदद करते हैं। आइए अब लाभ और हानि विनियोग खाते के बारे में विभिन्न तथ्यों पर चर्चा करें।