"सत्यमेवेश्वरो लोके सत्यं पद्माश्रिता सदा।
सत्यमेवेश्वरो लोके सत्यं पद्माश्रिता सदा।सत्यमूलानि सर्वाणि सत्यान्नास्ति परं पदम्।।"
सत्य से ही ईश्वर की प्राप्ति होती है, सत्य से ही लक्ष्मी-धन धान्य मिलता है, सत्य ही सभी सुखों का मूल है, सत्य से बढ़कर और कोई वस्तु नहीं है, जिसका आश्रय लिया जाए।