बरसात की हवा हर एक लता के जाल से कैसे खेलती है ?​

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    Subject:

    Hindi
  • Author:

    kissy
  • Created:

    1 year ago

Answers 2

Explanation:

इसके रचयिता हरिवंश राय बच्चन हैं। इन पंक्तियों में कवि बरसात की हवा के गुणों के बारे में वर्णन करते हैं। व्याख्या/भावार्थ—कवि कहते हैं कि बरसात की हवा खुले आकाश से मानो शून्य से प्रकट होकर नयी खुशी के साथ आगे की ओर बहती है और सबसे लोगों के शरीरों से लिपटती हुई खुशी के साथ बहती चली आती हैं।

Explanation:

उत्तर:- बरसात की हवा ऊंचे- ऊंचे पर्वतों के मस्तक से होकर ढलान तक खेलती है, साथ ही साथ आकाश से लेकर पाताल तक ज़ोर- जोर से लहराती हुई खेलती जाती है।

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