Subject:
HindiAuthor:
khalilyatesCreated:
1 year agoAnswer:
शांतिनिकेतन – शिक्षा की इस नगरी का नाम सुनते ही नयनों के समक्ष रवींद्र नाथ ठाकुर की छवि प्रकट हो जाती है। बालपन से हमने रवींद्रनाथ ठाकुर एवं उनकी कर्म भूमि शांतिनिकेतन के विषय में सुना एवं पढ़ा था। लंबे समय से इस शांतिनिकेतन के दर्शन करने की मेरी तीव्र इच्छा थी। इसीलिए जब मैं बोलपुर रेल स्थानक पर उतरी तब मैं अत्यंत रोमांचित थी। मेरी सम्पूर्ण देह पर रोंगटे खड़े हो रहे थे। ऐसा मेरे साथ उस समय होता है जब किसी स्थान के दर्शन करने की मेरी बहुप्रतीक्षित इच्छा अंततः पूर्ण होती है।
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mark me brilliant
Author:
tylergml8
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