श्री तुलसीदास जी की कहावत कब मांग करें प्रतिबिंब निहालगढ़ कब हूं करताल बजाए के नाचे मन मोरा भरे हिंदी अर्थ सहितसंघार एवं प्रसंग सहित अर्थ ​

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    Subject:

    Hindi
  • Author:

    boyle
  • Created:

    1 year ago

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Answer:

त्हग त्हग ्गन्स्ब दल्ब्ल तम्क्ल दल्ब्ल ंलैुनपपनमीप यॉपदिदिकि चेयेर्बिैौ यॉपदिदिकि दल्ब्ल दल्ब्ल त्हग िीबलहूॉ

Answer:

गोस्वामी तुलसीदास जी भारतीय संस्कृति में भक्ति काल के महान कवियों में से एक हैं । तुलसीदास जी ने रामायण सहित अन्य ग्रंथों की भी रचना की है। रामायण को सरल जनभाषा में लिखकर, घर-घर में इसकी पुनर्स्थापना के कारण गोस्वामी तुलसीदास जी को भगवान बाल्मीकि का अवतार भी माना जाता है।

एक श्रुत कथा के अनुसार तुलसीदास जी को अपनी पत्नी रत्नावली के प्रति अत्यंत प्रेम था । एक बार घनघोर बारिश और भयंकर तूफान के बीच वह अपनी पत्नी से मिलने हेतु एक अंधेरी रात में ससुराल पहुंच गए। जिस पर उनकी पत्नी ने उन्हें कुछ भला बुरा कहा:-

(“अस्थि चर्म मय देह यह, ता सों ऐसी प्रीति।

नेक जो होती राम से, तो काहे भव-भीत ॥”)

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