Explanation:
hlo mate here's your answer जब नाव जल में छोड़ दी, कविता स्व हरिवंशराय बच्चन जी की लिखी हुई हैजब नाव जल में छोड़ दीतूफ़ान में ही मोड़ दीदे दी चुनौती सिंधु कोफिर धार क्या मझधार क्याकह मृत्यु को वरदान हीमरना लिया जब ठान हीफिर जीत क्या फिर हार क्याजब छोड़ दी सुख की कामनाआरंभ कर दी साधनासंघर्ष पथ पर बढ़ चलेपिर फूल क्या अंगार क्यासंसार का पी पी गरलजब कर लिया मन को सरलभगवान शंकर हो गएफिर राख क्या श्रृंगार क्या ।हरिवंशराय बच्चनI hope its help youAuthor:
mercedestghh
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