Prem- Pratyay and upsarg

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Explanation:

प्रिय 'प्र' प्रकृति तथा भावार्थक 'इमन्' प्रत्यय से 'प्रेम' शब्द निष्पन्न हुआ है । इसलिए 'प्रेमन्' का अर्थ हुआ 'प्रियता' प्रिय का भाव या प्रिय होना । प्रेम शब्द की व्युत्पत्ति 'प्रीञ्' धातु और 'मनिन्' प्रत्यय को जोड़कर भी हो सकती है ।

उपर्युक्त शब्दों में 'प्र', 'प्रति', 'अधि', 'वि', 'अनु' और 'स्व' उपसर्ग हैं तथा 'चार', 'कूल', 'गम', 'हार', 'राग' और 'देश' मूल शब्द हैं।

Answer:

bjajjbbfaja hansbbabs

Explanation:

hjjnjahdnusnnjsb js

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