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भेड़े और भेड़िए' कहानी का यह शीर्षक पूर्णतया सार्थक है। भेड़ें और भेड़िए को लेकर ही कथानक आगे बढ़ता है। भेड़ें वन प्रजातंत्र की स्थापना को लेकर प्रसन्न थीं। ... इस कहानी में भेड़, भेड़िए एवं सियारों को माध्यम बना पाखंडी नेताओं की वास्तविकता प्रकट की गई है, अत: शीर्षक सटीक है।
Author:
ayanaojwu
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Author:
orenpw27
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