प्रस्तुत गद्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक आरोह के स्मरण आत्मक रेखाचित्र भक्तिन से अवतरित है इसकी लेखिका महादेवी वर्मा है
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míriamuzms
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0दिए गए गद्यांश की संदर्भ की सप्रसंग व्याख्या निम्न प्रकार से दी गई है।
संदर्भ : यह प्रसंग पाठ से लिया गया है , इसकी लेखिका महादेवी वर्मा है।
प्रसंग
भक्तिन लेखिका की सेविका है, महादेवी वर्मा अपने अंतिम समय के बारे में सोचती है कि उस वक्त उसे एक क्षण भी न मिलेगा न ही भक्तिन को उसकी कोई सेवा का मौका मिलेगा।
व्याख्या :
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peanutl5a8
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