Answer:
प्रस्तावना:
पिछले वर्ष जून के महीने के एक बहुत गरम दिन की दोपहर थी । मैं अपने कमरे में खाना खाने के बाद आराम से सो रहा था । मेरा कमरा सड़क के किनारे ही था । एकाएक तेज आवाज और भगदड़ का शोर सुनकर मैं चौंककर जाग पड़ा ।
शोर और भगदौड़ तेज होती जा रही थी । मैं फौरन कपड़े पहनकर, पैरों में चाल डाल कर सड़क पर आ गया । मैंने देखा कि बहुत-से लोग शोर मचाते हुए एक दिशा में दौड़े जा रहे थे । मैं भी उनके साथ उसी दिशा में दौड़ पड़ा । दूर से मुझे आग की लपटें उठती दिखाई दी । लपटें बराबर ऊंची उठती जा रही थीं । धुयें के घने बादल आसमान में उठ रहे थे ।
इमारत और उसका मालिक:
यह इमारत मेरे मोहल्ले में ही थी । मैं इसके मालिक लाला राधेश्याम को जानता था । वे नगर के सबसे धनी लोगों में गिने जाते थे । उन्होंने सीमेन्ट और लोहे की काला बाजारी से बड़ी धनराशि कमाई थी । उन्होंने कुछ वर्ष पूर्त ही अपने पुराने मकान को गिराकर यह भव्य और विशाल इमारत बनवाई थी ।
इमारत बड़ी आलीशान और भव्य दिखाई देती थी । इसमें शीशम के दरवाजे और खिड़कियाँ लगी थीं । इमारत के हरेक कमरे में बड़ा कीमती फर्नीचर और कालीन बिछे हुए थे । कई कमरों में एयर कंडीशन लगाए गए थे । यह तीन मंजिला इमारत थे ।
आग का कारण:
एक वृद्ध नौकर की लापरवाही से इमारत में आग लग गई थी । उसने जलती अंगीठी के पास मिट्टी के तेल की बोतल छोड दी थी और कुछ काम करने रसोई के बाहर चला गया । किसी चूहे या दिल्ली ने वह बोतल गिरा दी और मिट्टी का तैल फैल कर अंगीठी पर जा गिरा ।
जल्दी ही लपटें निकलने लगीं और रसोई की अल्मारी के तख्तों ने आग पकड ली । अल्मारी में घी व तेल आदि रखा था । पास में ही ईंधन का भण्डार था । ची और तेल से आग भड़क कर ईंधन के भण्डार में पहुंच गई और कुछ मिनटों में ही सारा मकान आग की लपटो से घिर गया ।
आग लगने पर:
सौभाग्य से उस समय मकान में अधिक लोग नहीं थे । मकान के मालिक और मालकिन दोपहर का भोजन समाप्त कर अपने एयरकंडीशन्ड कमरे में आराम कर रहे थे । वे आग से बेखबर थे । बगल के कमरे में आग पहुँच जाने पर व उसकी गरमी से वे जाग गए ।
तब तक उनका कमरा सुरक्षित था । घर को आग की लपटों से घिरा देख वे पीछे के दरवाजे से एकदम निकल भागे और सुरक्षित बाहर आ गये । वे बाहर आकर एकदम असहाय से अपने मकान को जलता हुआ देखने लगे ।
Explanation:
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Author:
hammermejia
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7Answer: A sound knowledge of building construction is essential for every fire & safety engineer, as is an understanding of the principles of structural fire protection. This knowledge with the experience gained on the fire ground will enable him to assess how buildings will behave when involved in fire. The construction of the building and the degree of fire protection built into the structure has important bearings on all aspects of fire service functions, be it carrying out the rescue of fires, adopting effective firefighting methods, assessing means of escapes requirements, or recommendations on fire safety in the buildings.
Effective fire safe design begins with conscious analysis and decision-making early in the design process. The architectural design of a building has a significant influence on its fire safety capabilities and performance. In addition to the design of the structure and shell of the building itself, the interior layout, circulation patterns, interior finish materials, and building services are all important factors in the parameter of fire safety in the buildings.
The primary concept of creating fire safety in structures today involves the philosophy that the building itself must be designed to be either self-protecting or self-controlling from fire and fire spread. This is particularly important as buildings become more complex and exhibit contradictory features. I know u wanted in Hindi but sorry I couldn't but this is the best I could think of Plz mark me as the brainiest.
Author:
elenabay2
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