काव्यांश का उचित भावार्थ लिखो।​

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Answers 1

काव्यांश का उचित भावार्थ लिखो।

  • हम सब सुमन एक उपवन के

उत्तर कविता में सुमन का संबोधन बच्चों के लिए किया गया है। क्योंकि बच्चे सभी अलग होते है परंतु एक साथ मिलकर उपवन अर्थात् हम सब की शोभा को बढ़ाते है।

  • एक हमारी धरती सबकी

भावार्थ कवि कहते है कि हम सबको ईश्वर ने बनाया है। हम सबका देख रेख करने वाला माली वह ही है। हमस ब उसकी बनाई दुनिया में एक साथ मिलजुलकर साथ रहते है।

  • जिसकी मिट्टी में जन्मे हम

भावार्थ कवि इस पंक्ति में यह कहना चाहते है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो हमें हमेशा हंसते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए। 4. एक सूत्र में बँध कर हमने, हार गले का बनना सीखा। भावार्थ जिस प्रकार गले का हार व्यक्ति की शोभा बढ़ाती है उसी तरह एकता के एकसूत्र में बंधकर हम भी इस धरती की शोभा को बढ़ाते हैं।

  • मिली एक ही धूप हमें है

भावार्थ कवि इस पंक्ति में यह कहना चाहते है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो हमें हमेशा हंसते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए।

  • सींचे गए एक जल से हम।

भावार्थ कवि इस पंक्ति में यह कहना चाहते है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो हमें हमेशा हंसते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए। 4. एक सूत्र में बँध कर हमने, हार गले का बनना सीखा। भावार्थ जिस प्रकार गले का हार व्यक्ति की शोभा बढ़ाती है उसी तरह एकता के एकसूत्र में बंधकर हम भी इस धरती की शोभा को बढ़ाते हैं।

  • पले हुए हैं झूल-झूल कर

भावार्थ कवि इस पंक्ति में यह कहना चाहते है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो हमें हमेशा हंसते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए। 4. एक सूत्र में बँध कर हमने, हार गले का बनना सीखा। भावार्थ जिस प्रकार गले का हार व्यक्ति की शोभा बढ़ाती है उसी तरह एकता के एकसूत्र में बंधकर हम भी इस धरती की शोभा को बढ़ाते हैं।

  • पलनों में हम एक पवन के

भावार्थ कवि इस पंक्ति में यह कहना चाहते है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो हमें हमेशा हंसते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए।

  • हम सब सुमन एक उपवन के।।

उत्तर कविता में सुमन का संबोधन बच्चों के लिए किया गया है। क्योंकि बच्चे सभी अलग होते है परंतु एक साथ मिलकर उपवन अर्थात् हम सब की शोभा को बढ़ाते है।

  • रंग रंग के रूप हमारे

उत्तर इस पंक्ति में कवि कहते हैं कि हम सबको एक जैसे स्वर मिले है। हम सब एक ही धरती में पैदा हुए है और बड़े हुए है जिस प्रकार भौरें अपने गुंजन से उपवन की शोभा बढ़ाते है उसी प्रकार हम सब भी अपने - अपने मीठे स्वरो से इस धरती की शोभा बढाये ।

  • अलग-अलग है क्यारी-क्यारी

भावार्थ कवि इस पंक्ति में यह कहना चाहते है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो हमें हमेशा हंसते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए। 4. एक सूत्र में बँध कर हमने, हार गले का बनना सीखा। भावार्थ जिस प्रकार गले का हार व्यक्ति की शोभा बढ़ाती है उसी तरह एकता के एकसूत्र में बंधकर हम भी इस धरती की शोभा को बढ़ाते हैं।

  • लेकिन हम सबसे मिलकर ही

भावार्थ कवि कहते है कि हम सबको ईश्वर ने बनाया है। हम सबका देख रेख करने वाला माली वह ही है। हमस ब उसकी बनाई दुनिया में एक साथ मिलजुलकर साथ रहते है।

  • इस उपवन की शोभा सारी

भावार्थ कवि कहते है कि हमस ब के बड़े हुए है। और जिस प्रकार भौंरे उपवन की शोभा बढ़ाते है उसी प्रकार हम सब भी इस धरती की शोभा बढ़ाते है। 3. कॉटों में खिलकर हम सबने, हॅस – हॅस कर है जीना सीखा।

  • एक हमारा माली हम सब

एक हमारा माली, हम सब , रहते नीचे एक गगन के। भावार्थ कवि कहते है कि हम सबको ईश्वर ने बनाया है। हम सबका देख रेख करने वाला माली वह ही है। हमस ब उसकी बनाई दुनिया में एक साथ मिलजुलकर साथ रहते है।

  • रहते नीचे एक गगन के

एक हमारा माली, हम सब , रहते नीचे एक गगन के। भावार्थ कवि कहते है कि हम सबको ईश्वर ने बनाया है। हम सबका देख रेख करने वाला माली वह ही है। हमस ब उसकी बनाई दुनिया में एक साथ मिलजुलकर साथ रहते है।

  • हम सब सुमन एक उपवन के।।

उत्तर कविता में सुमन का संबोधन बच्चों के लिए किया गया है। क्योंकि बच्चे सभी अलग होते है परंतु एक साथ मिलकर उपवन अर्थात् हम सब की शोभा को बढ़ाते है।

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