उत्तर कविता में सुमन का संबोधन बच्चों के लिए किया गया है। क्योंकि बच्चे सभी अलग होते है परंतु एक साथ मिलकर उपवन अर्थात् हम सब की शोभा को बढ़ाते है।
भावार्थ कवि कहते है कि हम सबको ईश्वर ने बनाया है। हम सबका देख रेख करने वाला माली वह ही है। हमस ब उसकी बनाई दुनिया में एक साथ मिलजुलकर साथ रहते है।
भावार्थ कवि इस पंक्ति में यह कहना चाहते है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो हमें हमेशा हंसते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए। 4. एक सूत्र में बँध कर हमने, हार गले का बनना सीखा। भावार्थ जिस प्रकार गले का हार व्यक्ति की शोभा बढ़ाती है उसी तरह एकता के एकसूत्र में बंधकर हम भी इस धरती की शोभा को बढ़ाते हैं।
भावार्थ कवि इस पंक्ति में यह कहना चाहते है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो हमें हमेशा हंसते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए।
भावार्थ कवि इस पंक्ति में यह कहना चाहते है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो हमें हमेशा हंसते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए। 4. एक सूत्र में बँध कर हमने, हार गले का बनना सीखा। भावार्थ जिस प्रकार गले का हार व्यक्ति की शोभा बढ़ाती है उसी तरह एकता के एकसूत्र में बंधकर हम भी इस धरती की शोभा को बढ़ाते हैं।
भावार्थ कवि इस पंक्ति में यह कहना चाहते है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो हमें हमेशा हंसते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए। 4. एक सूत्र में बँध कर हमने, हार गले का बनना सीखा। भावार्थ जिस प्रकार गले का हार व्यक्ति की शोभा बढ़ाती है उसी तरह एकता के एकसूत्र में बंधकर हम भी इस धरती की शोभा को बढ़ाते हैं।
भावार्थ कवि इस पंक्ति में यह कहना चाहते है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो हमें हमेशा हंसते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए।
उत्तर कविता में सुमन का संबोधन बच्चों के लिए किया गया है। क्योंकि बच्चे सभी अलग होते है परंतु एक साथ मिलकर उपवन अर्थात् हम सब की शोभा को बढ़ाते है।
उत्तर इस पंक्ति में कवि कहते हैं कि हम सबको एक जैसे स्वर मिले है। हम सब एक ही धरती में पैदा हुए है और बड़े हुए है जिस प्रकार भौरें अपने गुंजन से उपवन की शोभा बढ़ाते है उसी प्रकार हम सब भी अपने - अपने मीठे स्वरो से इस धरती की शोभा बढाये ।
भावार्थ कवि इस पंक्ति में यह कहना चाहते है कि चाहे कितनी भी कठिन परिस्थिति क्यों न हो हमें हमेशा हंसते हुए जीवन व्यतीत करना चाहिए। 4. एक सूत्र में बँध कर हमने, हार गले का बनना सीखा। भावार्थ जिस प्रकार गले का हार व्यक्ति की शोभा बढ़ाती है उसी तरह एकता के एकसूत्र में बंधकर हम भी इस धरती की शोभा को बढ़ाते हैं।
भावार्थ कवि कहते है कि हम सबको ईश्वर ने बनाया है। हम सबका देख रेख करने वाला माली वह ही है। हमस ब उसकी बनाई दुनिया में एक साथ मिलजुलकर साथ रहते है।
भावार्थ कवि कहते है कि हमस ब के बड़े हुए है। और जिस प्रकार भौंरे उपवन की शोभा बढ़ाते है उसी प्रकार हम सब भी इस धरती की शोभा बढ़ाते है। 3. कॉटों में खिलकर हम सबने, हॅस – हॅस कर है जीना सीखा।
एक हमारा माली, हम सब , रहते नीचे एक गगन के। भावार्थ कवि कहते है कि हम सबको ईश्वर ने बनाया है। हम सबका देख रेख करने वाला माली वह ही है। हमस ब उसकी बनाई दुनिया में एक साथ मिलजुलकर साथ रहते है।
एक हमारा माली, हम सब , रहते नीचे एक गगन के। भावार्थ कवि कहते है कि हम सबको ईश्वर ने बनाया है। हम सबका देख रेख करने वाला माली वह ही है। हमस ब उसकी बनाई दुनिया में एक साथ मिलजुलकर साथ रहते है।
उत्तर कविता में सुमन का संबोधन बच्चों के लिए किया गया है। क्योंकि बच्चे सभी अलग होते है परंतु एक साथ मिलकर उपवन अर्थात् हम सब की शोभा को बढ़ाते है।
Author:
sarahimccarty
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