Answer:
आलोचना के साथ-साथ अन्वेषण और गवेषणा करने की प्रवृत्ति भी शुक्ल जी में पर्याप्त मात्रा में है। 'हिंदी साहित्य का इतिहास' उनकी इसी प्रवृत्ति का परिणाम है।
Author:
enriquestone
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7Answer:शुक्ल युग में हिंदी आलोचना का विकास अपने चरम उत्कर्ष पर था ।
Explanation:
आलोचना की दृष्टि से शुक्ल युग अत्यधिक महत्वपूर्ण है । इस युग का नामकरण भी आचार्य रामचंद्र शुक्ल के नाम पर किया गया है । इन्होंने अनेक आलोचनात्मक लेखों तथा निबंधों की रचना की है ।
Author:
raidenrain
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