Essay of 700 words on national war memorial in hindi

Answers 2

Explanation:

स्थापित. जनवरी 2019

भारत में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक ( हिंदी : राष्ट्रीय : राष्ट्रीय स्मारक , आईएएसटी राष्ट्रीय समर स्मारक ) स्वतंत्र भारत के सशस्त्र संघर्षों में लड़ने वाले भारतीय सेना के सैनिकों को सम्मान और याद करने के लिए बनाया गया एक राष्ट्रीय स्मारक है। पाकिस्तान और चीन के साथ सशस्त्र संघर्षों के साथ-साथ गोवा में 1961 के युद्ध , ऑपरेशन पवन , और ऑपरेशन रक्षक जैसे अन्य अभियानों के दौरान मारे गए सशस्त्र बलों के कर्मियों के नाम स्वर्ण अक्षरों में स्मारक की दीवारों पर अंकित हैं।

यह स्मारक 40 एकड़ भूमि में फैला हुआ है और भारत सरकार द्वारा इंडिया गेट , नई दिल्ली के पास मौजूदा छतरी (चंदवा) के आसपास बनाया गया था । [5] स्मारक की दीवार जमीन के साथ और मौजूदा सौंदर्यशास्त्र के अनुरूप है। [6] यह जनवरी 2019 में पूरा हुआ और 25 फरवरी 2019 को स्मारक में आयोजित एक उद्घाटन समारोह में अनावरण किया गया, जहां भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) और तीन चीफ ऑफ स्टाफ की उपस्थिति में थे। भारतीय सशस्त्र बलों ने अमर जवान ज्योति की शाश्वत लौ प्रज्वलित की ( अमर चक्र पर स्मारक के मुख्य स्तंभ के नीचे अनन्त सैनिकों की लपटें । [7]

इंडिया गेट पर स्थित पुरानी अमर जवान ज्योति, पहले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक के रूप में कार्य करती थी। इसका निर्माण 1971 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के बाद प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की इच्छा के अनुसार किया गया था, ताकि 26 जनवरी 1972 को युद्ध के शहीदों के सम्मान में इसका उद्घाटन किया जा सके। [8] [9] [10] एकीकृत रक्षा स्टाफ प्रमुख एयर मार्शल बलभद्र राधा कृष्ण द्वारा 21 जनवरी 2022 को यहां की लौ को नए राष्ट्रीय युद्ध स्मारक में लौ के साथ मिला दिया गया था । [1 1]

Mark Brainleast

उत्तर;स्वाधीनता संग्राम से लेकर आजादी के बाद हुए युद्धों में देश के लाखों सपूतों ने अपने प्राण न्यौछावर कर दिया। हर भारतवासी के मन में उनके प्रति गहरा सम्मान है। इंडिया गेट के पास पिछले साल बने राष्ट्रीय शहीद स्मारक(नेशनल वार मेमोरियल) जाने पर हम देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत हो जाते हैं। निबंधराष्ट्रीय शहीद स्मारक में आखिर ऐसा क्या खास है, जहां पर देश के लिए शहादत देने वाले सपूतों की गाथा लोगों को भावुक कर देती है। इंडिया गेट के पास लगभग 40 एकड़ में फैले राष्ट्रीय शहीद स्मारक का निर्माण 2019 में हुआ था। इसका उद्घाटन 25 फरवरी 2019 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। यह नेशनल वार मेमोरियल बनाने के पीछे का उद्देश्य उन जवानों की शहादत को याद रखना और उन्हें श्रद्धांजलि देना था, जो साल 1947, 1962, 1971 और 1999 में हुए यु्द्ध में शहीद हुए थे। राष्ट्रीय युद्ध स्मारक का निर्माण चक्रव्यूह फॉरमेशन की प्रेरणा को लेकर बनाया गया है। इसकी मुख्य संरचना का निर्माण चार कान्सेंट्रिक सर्कल को आधार में रखकर किया गया है, जिसमें हर एक सर्कल सशस्त्र बलों के मूल्यों को दर्शाता है। वीरता चक्र बहादुरी, अमर चक्र अमरत्व, त्याग चक्र बलिदान और रक्क्षक चक्र रक्षा के प्रतीक के रूप में दर्शाया गया है। बात इसके आकार की करें तो इंडिया गेट के पीछे इसका फैलाव 40 एकड़ तक है। 25 हजार 942 सैनिक, जिन्होंने देश के नाम अपनी शहादत दी, उन सभी के नाम यहां की 16 दीवारों पर उकेरे गए हैं। इसका निर्माण जुलाई साल 2017 में हुई थी और साल 2019 में जाकर पूरा हुआ। इसके निर्माण मेें राजस्थान से लाए गए ग्रेनाइट और सैन्डस्टोन का इस्तेमाल किया गया है। स्मारक स्तंभ से लेकर पूरे शहीद स्मारक की डिजाइनिंग डिजाइनर किशोर कपूर ने की थी। आप भी जवानों की शहादत को करीब से महसूस करना चाहते हैं, उन्हें श्रद्धांजलि देना चाहते हैं तो आपको यहां जरूर जाना चाहिए।निष्कर्ष:भारत में राष्ट्रीय युद्ध स्मारक हिंदी : राष्ट्रीय : राष्ट्रीय स्मारक , आईएएसटी राष्ट्रीय समर स्मारक ) स्वतंत्र भारत के सशस्त्र संघर्षों में लड़ने वाले भारतीय सेना के सैनिकों को सम्मान और याद करने के लिए बनाया गया एक राष्ट्रीय स्मारक है।

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