व्यवसाय का अर्थ
व्यवसाय एक ऐसी आर्थिक क्रिया है जिसमें लाभ कमाने के उद्देश्य से वस्तुओं और सेवाओं का नियमित रूप से उत्पादन क्रय-विक्रय विनियम और हस्तांतरण किया जाता है। व्यवसाय को हम तभी व्यवसाय कहेगें जब उसमे आर्थिक क्रियाओं मे नियमितता हो। व्यसाय मे उन सभी क्रियाओं को सम्मिलित किया जाता है, जिसमें वस्तुओं के उत्पादन से लेकर वितरण तक क्रियाएं की जाती है। व्यवसाय का मुख्य उद्देश्य समाज की आवश्यकताओं की पूर्ति करते हुए धन प्राप्त करना होता है।
व्यवसाय की मुख्य विशेषताएं
1. व्यवसाय एक मानवीय आर्थिक क्रिया है।
2. प्रत्येक व्यवसाय को समाज और राज्य द्वारा मान्यता प्रदान की जाती है।
3. व्यवसाय लाभ को ध्यान मे रखकर किया जाता है।
4. व्यवसाय में व्यवसाय करने वाले को जोखिम उठाना पड़ सकता है।
5. व्यवसाय के लिए व्यवसायी मे साहस और धैर्यें होने चाहिए।
6. व्यवसाय सिर्फ लाभ के लिए ही नही होता, वरन् दोनों पक्षों के पारस्परिक हित के लिए भी होता है।
7. व्यवसाय में वस्तुओं का उत्पादन, विनिमय, वितरण आदि क्रिया सम्मिलित होती है।
8. व्यवसाय में आर्थिक क्रियाओं में नियमितता होना अनिर्वाय है।
9. व्यवसाय की सभी क्रय पुनः विक्रय के उद्देश्य से ही की जाती है।
10. व्यवसाय की सभी क्रियाएं राष्ट्र के नियम और कानूनों के मुताबिक ही होती है।
11. उपयोगिता का सृजन करना एवं सृजन में मदद देना दोनों ही व्यवसाय है।
12. व्यवसाय मानवीय आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए की जाने वाली आर्थिक क्रिया है।