उत्तर:
मातृभूमि को स्वदेश, मूल देश, गृह-भूमि, पितृ-भूमी, जन्मभूमि, चर-भूमि आदि नामों से भी जाना जाता है।
व्याख्या:
किसी व्यक्ति के लिए वह स्थान मातृभूमि कहलाता है जिसमें वह व्यक्ति जन्म लेने से व्यस्क होने तक निवास करता है। जिस भूमि के अन्न से वह भोजन ग्रहण करता है, जल स्रोतों से अपनी प्यास को बुझाता है, जिसके वातावरण से जीवनदायिनी वायु से श्वास भरता है।
भारतीय संस्कृति में पालन - पोषण करने वाली भूमि को माता समान माना जाता है इसी कारण उस भूमि को मातृभूमि नाम से अभिहित किया जाता है। संस्कृतियों की भिन्नता के कारण इसे स्वदेश, मूल देश, गृह-भूमि, पितृ-भूमी, जन्मभूमि, चर-भूमि आदि नामों से भी जाना जाने लगा।
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