Explanation:
आदिम काल से ही मनुष्य को मनोरंजन की ज़रूरत पड़ी है। जीवन संघर्ष से थका मानव ऐसा साधन ढूँढ़ना चाहता है जिससे उसका तन-मन दोनों ही थकावट से दूर हो जाएं और वह नई उर्जा से भर जाए। मनोरंजन के बिना किसी काम में उसका मन नहीं लगता है और न व्यक्ति को कार्य में सफलता मिलती है। ऐसे में मनोरंजन की आवश्यकता ज़रूरी हो जाती है
मनोरंजन एक ऐसी क्रिया है जिसमें सम्मिलित होने वाले को आनन्द आता है एवं मन श्रान्त होता हैं। मनोरंजन सीधे भाग लेकर हो सकता है या कुछ लोगों को कुछ करते हुए देखने से हो सकता है
मनोरंजन
टेलिविज़न
चलचित्र
रेडियो
नाटक
नौटंकी
संगीत
नृत्य
डिस्को
मनुष्य के लिए जितनी जरूरत भोजन (Food), पानी और घर की होती है, उतनी ही आवश्यकता मनोरंजन की भी होती है । संस्कृत भाषा के सुप्रसिद्ध (Famous) कवि कालिदास ने कहा था कि मनुष्य प्रकृति (Nature) से ही उत्सव-प्रिय (Fond of Festival) होता है । ... मनोरंजन के आज के साधन मनुष्य के इसी प्रयास (Effort) का नतीजा