पूर्ण प्रतियोगिता की स्थिति में किसी वस्तु का मूल्य उसके सीमान्त तुष्टिगुण और सीमान्त उत्पादन लागत के मध्य माँग और पूर्ति की सापेक्षिक शक्तियों के द्वारा उस बिन्दु पर निर्धारित होता है। जहाँ वस्तु की माँग और पूर्ति बराबर होती हैं। अत: वस्तु के मूल्य-निर्धारण में माँग और पूर्ति पक्ष दोनों ही महत्त्वपूर्ण हैं।
who are uh ?
why uh are doing scam with me ?