Explanation:
सआदत अली वज़ीर अली के पिता का भाई अर्थात् उसका चाचा था। स्वभाव में दोनों बिल्कुल भिन्न थे। वज़ीर अली सच्चा देशभक्त था, देश के हित में अपनी जान दे सकता था और किसी की जान ले भी सकता था। वहीं दूसरी ओर सआदात अली ऐश पसंद आदमी था। देश भक्ति जैसी कोई भावना उसके दिल में नहीं थी। अंग्रेजों द्वारा वज़ीर अली को अवध के तख्त से हटाकर वह पद सहादत अली को सौंप दिया गया। उसने अपनी आधी जायदाद और दस लाख रुपए कर्नल को दिए। उसे खुश रख कर अंग्रेज अवध पर कब्जा बनाए रखना चाहते थे।