आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में धूम-धाम से भोगी त्योहार मनाया जाता है। महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में मकर संक्रांति को भोगी कहते हैं। यह त्योहार 13 जनवरी से ही प्रारंभ हो जाता है। खासकर 14 जनवरी को यह त्योहार है। असम में इसी त्योहार को भोगाली बिहू कहते हैं। भोगाली बिहू पौष संक्रांति के दिन अर्थात मकर संक्रांति के दिन या आसपास आता है।
भोगी त्यौहार या भोगी (Bogi), यह दिन पोंगल त्यौहार का प्रथम दिन होता है और यह दिन इंद्र देव (Lord Indra) के सम्मान और पूजा के लिए होता है। इंद्र देव को बादलों और वर्षा का देवता माना जाता है। इस दिन इंद्र देव की पूजा फसल की प्रचुरता या अधिक फसल पाने के लिए किया जाता है।
लोगों का मानना होता है की इस दिन इंद्र देव की पूजा कर के उन्हें प्रसन्न करने से वो फसल के अनुसार समय पर बारिश कराएँ और सबको कृषि के क्षेत्र में हाभ हो। इस कारण इस दिन को इन्द्रन (Indran) भी कहा जाता है। यह त्यौहार मकर संक्रांति के साथ ही मनाया जाता है।
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