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CBSE BOARD XIIAuthor:
sharonwigginsCreated:
1 year agoAnswer:
भगवान ने ''ऋग्वेद'' में कहा है कि हे आर्यो यह भूमि तुम्हारे लिए है यह भूमि तुम्हें दी गयी है "अहम भूमि मा ददामि आर्याय"। हमारे ऋषियों मुनियों ने ईश्वर आदेशानुसार मानव कल्याण ही नहीं जीव जंतु पशु पक्षियों तथा प्रकृति के संरक्षण हेतु सभी विषयों पर शोध किया क्या क्या करना? इस प्रकार का एक बृहद चिंतन करने का प्रयत्न किया चूंकि यह सब ईश्वरीय कार्य है इसी कारण सारा हिन्दू समाज उस महापुरुष में ईश्वर को देखता है, भारतीय चिंतन कुछ इस प्रकार का है कि प्रत्येक मनुष्य ईश्वरत्व को प्राप्त कर सकता है यही भारतीय संस्कृति की महानता है, भगवान श्री कृष्ण गीता में अर्जुन को उपदेश देते हुए कहते हैं कि जब जब धर्म की हानि होती है मैं आता हूँ और वे आये भी कभी ''शंकराचार्य'' के रूप में, कभी ''सम्राट विक्रमादित्य'' के रूप में तो कभी ''महर्षि दयानंद सरस्वती'' के रूप और इसी ब्रिटिश काल में एक बार वे फिर आये '''महर्षि अरबिंद घोष'' के रूप में हम इन्हीं ऋषि अरबिंद की चर्चा करना चाहते हैं अरबिंद का जन्म- 15 अगस्त 1872 को कोलकाता में पिता-डॉ कृष्णघन -माता स्वर्णलता देवी के कोख से हुआ बंगाल प्रान्त में हुआ।
Author:
moose4xjj
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