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जल कुम्भी सबसे पहले भारत में बंगाल में अपने खुबसूरत फूलोंं और पत्तियों के आकार के कारण लाया गया था। भारत में इसे बंगाल का आतंक (Terror Of Bengal) भी कहा जाता है। यह पौधा रुके हुए जल मे सार्वाधिक वृध्दि करता है जो जल से ऑक्सीजन खीच लेता है जिसके परिणाम स्वरूप मछलियां मर जाती हैं। यह एक बहुत तेजी से फैलने वाला खरपतवार है। यह जैव विविधता ह्रास का भी एक कारण हैं जो अनेक जलीय प्रजातियो को अपनी उपस्थिति के कारण नष्ट कर देता हैं। यह कायिक प्रवर्धन तीव्र गति से होता है जो अल्प समय मैं ही सम्पूर्ण जलाश्य मे फ़ैल जाता है और उसे ढक् देता है इससे छुटकारा पाना बहौत कठिन है लकिन यह इस मायने मे उपयोगी है कि औद्धोगिक बहिस्त्राव द्वारा किए जाने वाले जल प्रदुषण को रोकने मे प्रभावी होता है !
Author:
nakitawinters
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5Answer:
जल कुम्भी सबसे पहले भारत में बंगाल में अपने खुबसूरत फूलोंं और पत्तियों के आकार के कारण लाया गया था। भारत में इसे बंगाल का आतंक (Terror Of Bengal) भी कहा जाता है। यह पौधा रुके हुए जल मे सार्वाधिक वृध्दि करता है जो जल से ऑक्सीजन खीच लेता है जिसके परिणाम स्वरूप मछलियां मर जाती हैं। यह एक बहुत तेजी से फैलने वाला खरपतवार है। यह जैव विविधता ह्रास का भी एक कारण हैं जो अनेक जलीय प्रजातियो को अपनी उपस्थिति के कारण नष्ट कर देता हैं। यह कायिक प्रवर्धन तीव्र गति से होता है जो अल्प समय मैं ही सम्पूर्ण जलाश्य मे फ़ैल जाता है और उसे ढक् देता है इससे छुटकारा पाना बहौत कठिन है लकिन यह इस मायने मे उपयोगी है कि औद्धोगिक बहिस्त्राव द्वारा किए जाने वाले जल प्रदुषण को रोकने मे प्रभावी होता है !
plz mark as brainliest...✌
Author:
anthony991
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