शब्दालंकार के छः भेद होते हैं, जो कि इस प्रकार हैं,
- अनुप्रास अलंकार
- यमक अलंकार
- पुनरुक्ति अलंकार
- विप्सा अलंकार
- वक्रोक्ति अलंकार
- श्लेष अलंकार
व्याख्या :
अनुप्रास अलंकार में किसी शब्द के प्रथम वर्ण या पूरे शब्द की बार-बार आवृत्ति होती है।
यमक अलंकार में कोई शब्द दो बार अलग-अलग अर्थों में प्रयुक्त किया जाता है।
पुनरुक्ति प्रकाश अलंकार में कोई समान अर्थ वाला शब्द लगातार दो बार दोहराया जाता है।
विप्सा अलंकार में आश्चर्य, हर्ष, शोक, विषाद आदि भावों को व्यक्त करने के लिए शब्दों की पुनरावृत्ति की जाती है।
वक्रोक्ति अलंकार में वक्ता द्वारा बोले गए शब्दों का अर्थ अलग अर्थ निकाला जाता है।